छू लिया है तूने
गोभी थी मैं
अच्छी खासी गोभी थी मैं
रूप से कितनी गोरी थी मैं
घर लाये जैसे दुल्हन थी मैं
पता नहीं था दुश्मन थी मैं
गोरी गोरी मेरी चमड़ी को
खुरच खुरच उतार दिया
गब्बर समक्ष बसंती जैसे
तुमने मुझे तार तार किया
डंठल जो मेरे गहने थे
माँ के हाथ से पहने थे
बेदर्दी से तुमने सब को
एक एक कर उतार दिया
गजब हसीन कमसिन थी मैं
पता नहीं था दुश्मन थी मैं
चाक़ू से जब मुझको काटा
तुम्हें ज़रा दर्द नहीं आया
आलू के संग कढ़ाई मैं
गरम तेल मैं तलवाया
नमक मिर्च हल्दी धनिया
मेरे टुकड़ों पर बिखराया
तुमको तेल लगा कर कोई
गरम तेल मैं लिटाये तो
क्या हालत तुम्हारी होगी
ज़रा मुझे बताओ तो
बर्बाद हूँ अब चमन थी मैं
पता नहीं था दुश्मन थी मैं
अच्छी खासी गोभी थी मैं
रूप से कितनी गोरी थी मैं
घर लाये जैसे दुल्हन थी मैं
पता नहीं था दुश्मन थी मैं
खोपड़ी गंजी
तेल न शैम्पू न चाहिए कंघी
मुझे भाये है मेरी खोपड़ी गंजी
बाल गए जब से गायब है मंदी
मुझे भाये मेरी खोपड़ी गंजी
सब जतन कर के देख लिया
लेप लोशन से सर ढक दिया
उड़ते बाल नहीं ठिकाने लगे
डाक्टर बदल कर देख लिया
रखता हूँ कढ़ाई जैसे मंजी
मुझे भाये मेरी खोपड़ी गंजी
तेल न शैम्पू न चाहिए कंघी
मुझे भाये है मेरी खोपड़ी गंजी
बाल गए जब से गायब है मंदी
मुझे भाये मेरी खोपड़ी गंजी
मैं शायर नहीं कव्वाल नहीं
मुझे चाहिए लम्बे बाल नहीं
मेरे जैसे हज़ारों इकबाल हैं
सर जिनके है इकबाल नहीं
पहन लेता हूँ मैं टोपी रंगी
मुझे भाये मेरी खोपड़ी गंजी
तेल न शैम्पू न चाहिए कंघी
मुझे भाये मेरी खोपड़ी गंजी
बाल गए जब से गायब है मंदी
मुझे भाये मेरी खोपड़ी गंजी
बालों की होती परेशानी कई
कभी जूं तो कभी डैंड्रफ मुई
गंजों का न होता खर्चा कोई
नाई की बला आती सर नहीं
बड़े बाल रखना है नासमझी
टाट करवा आओ तुम भी गंजी
तेल न शैम्पू न चाहिए कंघी
मुझे भाये मेरी खोपड़ी गंजी
बाल गए जब से गायब है मंदी
मुझे भाये मेरी खोपड़ी गंजी
टैटू अजगर
भैया खाने के शौक़ीन हुआ करते थे
बॉडी का बहुत ध्यान रखा करते थे
लम्बे लम्बे बाल थे हृष्ट पुष्ट तन बदन
मछलियों की नुमाइश किया करते थे
शौकीन भैया ने मस्त टैटू गुदवाया था
पेट से छाती तक अजगर गुदवाया था
फुफकारते अजगर ने पूरे मोहल्ले में
अच्छे अच्छों को पसीना दिलाया था
फिर भैया एक रोज़ बीमार हो गए
कमज़ोर इतने कि लाचार हो गए
इधर भैया सूखे उधर अजगर भूखा
दोनों को ही सेहत के वांदे हो गए
लम्बे लम्बे बाल अब सब उड़ गए हैं
मछलियों के परिवार उजड़ गए हैं
समय चक्र अद्भुत कैसे घूमता है
टैटू अजगर केंचुआ बन घूमता है
भगे जा
लंगड़े घोड़े ने भगते घोड़े से कहा
अबे कहाँ भगे जा रिया हो
भगते घोड़े ने लंगड़े घोड़े से कहा
देख सब भग रहे भइये इसलिए
अपन भी भगे जा रिया हो
तू बता किसलिये तू बैठा अबे
क्या चले नहीं जा रिया हो
नहीं भइये दौड़ में भगा हो
अब बैठा सुस्ता रिया हो
क्या मायूस बातें कर्रा हो
दौड़ में तो बहुत मज़ा हो
गरम खून जवानी है देख
मैं सरपट भग रिया हो
भगना ही ज़िन्दगी है जो
इसलिए भग रिया हो
दौड़ बिन मोहे कछु न भावे
घोड़ा तो भगता ही सुहावे
तू बैरी काहे सुस्तावे
क्यों घोड़ेन को नाम डुबावे
बड़ा तू भगे जा रिया हो
गुमान सर चढ़ा रिया हो
पूरा ज़िन्दगी में दौड़ा हो
तू मुझे समझा रिया हो
अंधी दौड़ थी सब दौड़े हो
सब दौड़े हम भी दौड़े हो
तब कोई और हियाँ बैठा हो
हमने भी यही बैन बोले हो
एक रोज़ मेरी जगह तू हो
भगा कोई और जा रिया हो
यही कहानी सुना रिया हो
संसार का नियम यही हो
बात अधूरी सी
जो बात अधूरी थी छोड़ी
वो बात हमें बतला जाओ
सुनते सुनते मैं कह भी गया
कहते कहते तुम सुन न सके
दिल को मेरे तुम पढ़ न सके
खुलकर हम भी तो कह न सके
आस तुम्हारे आने की मैं
पलक बिछाए रहता था
तुम आते बतियाते थे और
जीवन सम्पूरण लगता था
जाते देख तुम्हें लेकिन
दिल शोले शोले जलता था
वो आलम था यह आलम है
अब जीवन में खालीपन है
तुम अपना गाँव बसा बैठे
कहीं दूर देश में जा बैठे
हम यहां फंसे जंजालों में
सर पटकते हैं दीवालों से
जो बीत गयी सो बात गयी
हो जीवन में शुरुआत नयी
अब काश अगर यह हो जाए
तकदीर राह गर दिखलाये
तुम आओ बस तुम आ जाओ
जीवन में खुशियाँ भर जाओ
जो बात अधूरी थी छोड़ी
वो बात हमें बतला जाओ
हवस
मुफ्त का भोजन बंट रहा था
बांटता हाथ गर्व कर रहा था
जो दानी का दाहिना हाथ था
एक गर्दन अकड़ी खड़ी थी
सामर्थ्य दम्भ में जकड़ी थी
एक पेट था जो अभी भरा था
खाना खाकर सुस्ता रहा था
हवस ने मगर उसे उठा दिया
क्या करना है उसे बता दिया
जो डकार लिया है अपना है
कल तो प्यारे एक सपना है
भूख खाना खाने से मिट जाती है
हवस को पृथ्वी कम पड़ जाती है
मैं क्यों ना नाचूं!
बंद करो बकवास
मेरी उम्र न देखो बॉस
मैं यंगमैन झक्कास
अभी सेहत है बिंदास
मैं क्यूं न नाचू
पोते की सगाई में मैं क्यों ना नाचूं
देख हाथ पैर चलते हैं
कंधे दोनो मचलते हैं
घुटनों में ग्रीस हैं बाकी
कुल्हे दोनों मटकते हैं
मैं क्यूं न नाचू
पोते की सगाई में मैं क्यों ना नाचूं
रोज़ टाइम ते जग जाऊं
अपना खूब ध्यान मैं राखूं
पतंजलि के सारे तेल
बॉडी पे मालिस में लगाऊं
मैं क्यूं न नाचू
पोते की सगाई में मैं क्यों ना नाचूं
इब सुभ अवसर आया है
सूट नया सिलवाया है
टाई स्विजरलैंड तें आई
गुच्ची का डीओ लगाया है
मैं क्यूं न नाचू
पोते की सगाई में मैं क्यों ना नाचूं
बूढ़ा होगा तेरा बाप
देख जलवे ताऊ के आज
नाचूं मैं सारी रात
होने दे नागिन डांस
मैं क्यूं न नाचू
पोते की सगाई में मैं क्यों ना नाचूं
उम्र साठ ने किस कररी
जवानी में ने मिस कररी
खाऊं रोज़ दूध दही
छाछ पीऊं आठ गिलास
मैं क्यूं न नाचू
पोते की सगाई में मैं क्यों ना नाचूं
पत्थर
गला चीखता जाता था
पत्थर गुम सहमा सा था
गले बाकी पीछे चिल्लाते
संग में ताल मिलाते जाते
बाजा था सष्ठम सुर पर
मानो मानेंगे जान लेकर
सनातन की ही दुहाई थी
रात नींद नहीं आयी थी
ढोलक और सुर की भद
कुल रात ही पिटती रही
एक नाम पुकारे जाते थे
कुछ जंतर फूंकते जाते थे
गले ने जब मिसरा गाया
बाकी गलों को जोश आया
भूत भागे पिशाच चकराए
चड़ैलों ने भी ली अंगड़ाई
दुहाई हो दुहाई हो दुहाई
आवाज नेपथ्य से यूँ आई
देख रहा है उल्लू कहीं के
पड़े हैं मेरे प्राणों के पीछे
अपराध भी नहीं बताते हैं
थर्ड डिग्री बस दिए जाते हैं
कैसा मैं सर्वशक्तिमान हूँ
इनके खेलने का सम्मान हूँ
रोज़ दुकान ऐसे सजाते हैं
मेरे नाम पर खाये जाते हैं
मुझे बांधकर सारे बेसुरे
रोज़ यूँ ही सताए जाते हैं
जो अक्ल पर पत्थर पड़े हैं
गले सब मेरे गले पड़े हैं
वो कौन है
वो कौन है
दिल में प्यार की घंटी बजा देती है
दिमाग में रंगीन बत्ती जला देती है
उलटकर पलटकर धोकर सुखाकर
आपको वो आप ही से चुरा लेती है
थ्री पीस पहनने वाले इंसान को
हाफ-पैंट टी-शर्ट में ला देती है
डंका बजता है उसी के नाम का
बहती हवा उसी का नाम लेती है
अनजान आ जाती है आपके घर
आप ही की पहचान भुला देती है
आप जो हैं
आप जो होते थे कभी रॉबिनहुड
शहंशाहे कुंवारागढ़ खुद- ब-खुद
आज होंगे कोई बड़े अफसर
बिजनेसमैन या सरकारी नौकर
भँवरे थे फूल-फूल मंडराते थे
माय लाइफ माय रूल्स चलाते थे
हर दिन मौज यारों के संग मस्ती
अपन को चाहिए मंहगी या सस्ती
वो कौन है
कान में ऐसा कुछ कह जाती है
हर तरफ सिर्फ वो नज़र आती है
माँ बाप भाई बहन जानते होंगे
अलग अक्स उनका वो दिखाती है
हर मर्ज़ की वो दवा कर देती है
हस्ती को वो तो धूल चटा देती है
कीटनाशक दवा की तरह आपके
दोस्त जैसे हों कोकरेच भगा देती है
आप जो हैं
अपनी पहचान यूँ गंवाए जाते हैं
खुद से ही अनजान पाए जाते हैं
बैंक बैलेंस पर सांप थे उसको
शॉपिंग मॉल में उड़वाये जाते हैं
वो कौन है
आपकी पेंशन ग्रेचुटी पी-ऍफ़
घर सब नाम अपने करा लेती है
आपकी सैलरी से ही वो आपको
खर्चे के लिए पॉकेट मनी देती है
वो जो हर राज़फाश कर लेती है
आप नहीं जानते वो जान लेती है
इश्क़ की हर डायरी जला देती है
रुक्मिणी हर राधा की सजा देती है
दिन में चाँद-तारे रात में सूरज
वो आपको दिखाए चली जाती है
हर तीर को तरकश में सजाती है
सही वक्त पड़ने पर चलाती है
आप जो हैं
आप सफाई देते हुए रह जाते हैं
बेगुनाही की दलीलें देते जाते हैं
योर ऑनर अदालत में जनाब
मुज़रिम ही करार दिए जाते हैं
वो कोन है
ज़रा सुनना! कहकर वो आपको
रामू काका सरीखा बना देती है
कील लगाओ हथोड़ी थमा देती है
राशन ले आओ थैला थमा देती है
टेंशन देने को बिल थमा देती है
जुड़वा लाओ सैंडल थमा देती है
गाय की रोटी और यहाँ तक कि
कचरा भी आपसे फिकवा देती है
खुद जैसे महारानी बच्चे युवराज
वो आपको गुलाम बना देती है
वो कोन है
वो आपको हर मान सम्मान देती है
हर दर्द में वो साथ खड़ी मिलती है
पेट से दिल तक के रास्ते के लिए
घंटों गैस चूल्हे पर चढ़ी मिलती है
कमाती नहीं है वो मगर जादू से
बुरे वक्त में गुल्लक फोड़ देती है
धीमी-आंच पर रखी की खीर जैसे
धीरे धीरे लज़ीज़ लगने लगती है
आपकी न हो जाए सांस आखिरी
वो है सांस आपके लिए लेती है