आंखों में ख़ुशी छा जाती है
चेहरे पर नूर आ जाता है
एक टिप वेटर को जो देते हो
उसे खुद पे गुरूर आ जाता है
अपने लिए नहीं चाहिए कुछ
वो खुश है बस अपनों के लिए
तुम जो सौगात बख्शते हो
बरतेगा उसे वो बच्चों के लिए
है तुम्हारे लिए बड़ी बात नहीं
ग़रीब का दिन बन जाता है
आंखों में ख़ुशी छा जाती है
चेहरे पे नूर आ जाता है
एक टिप वेटर को जो देते हो
उसे खुद पे गुरूर आ जाता है
इंसान है रखता वो अरमान है
कभी उसकी असलियत देखो तो
वर्दी के अंदर फटी बनियान है
होठो पर स्माइलआँखे सूनी रखे
ले हर टेबल से आर्डर जाता है
आंखों में ख़ुशी छा जाती है
चेहरे पे नूर आ जाता है
एक टिप वेटर को जो देते हो
उसे खुद पे गुरूर आ जाता है
पैसे के लिए काम करते सभी
मालिक का हुकम बजाते हैं
ऊपर से कुछ मिल जाता है
हम भी तो खुश हो जाते हैं
टिप देने वाले का चेहरा
उसकी आँखों में बस जाता है
आंखों में ख़ुशी छा जाती है
चेहरे पर नूर आ जाता है
एक टिप वेटर को जो देते हो
उसे खुद पे गुरूर आ जाता है