बड़े ढीले होते थे बड़े बाबू
स्टाफ पर नहीं था कोई काबू
बेकाबू वो स्टाफ के चलते
अफसर से खाते थे रोज़ चाबुक
न बनी बात ऐसे तो यारो एक दिन
अफसर ने ऑफिस में बुलवाया
लीडर बनने का बढ़िया नुस्खा
बॉस ने कुछ इस तरह बतलाया
एक चम्माच कॉन्फिडेंस ले लेना
उससे डबल तुम लेना अथॉरिटी
उससे डबल लोगे जो इंटीग्रिटी
आधी चम्मच ले लेना सिंसेरिटी
कूटपीस कर पाउडर कर लेना
दिन में दो बार पानी संग ले लेना
हो जाओगे तुम एक बढ़िया लीडर
स्टाफ जैसे शेर के सामने गीदड़
लीडर बनने का वह उम्दा नुस्खा
बड़े बाबू के भेजे में घर कर गया
कूट पीसकर उन्होंने सब चीज़ें
कपड़छन किया चूरन बन गया
बीवी को तब भी मारा एक ताना
चूरन लो यह असर हमको बताना
बच्चों पर कुछ काबू रखा करो
हमेशा ढीली मत तुम रहा करो
चूरन से बॉडी असर दिखाने लगी
आवाज में बुलांदी छाने लगी
अफसर के जैसे बाबू पार्क जाते
मिसेज़ को भी साथ लेकर जाते
बड़े बाबू के स्टाइल बदल गए
मिसेज़ के बाल भी सेट हो गए
जूनियर्स को बाबू अब हडकाते
अथॉरिटी के जलवे दिखाते
स्टाफ ने उनका बाईकॉट किया
चमचों ने भी बाईपास कर दिया
बॉस के से सीधे अब मिलने लगे
डिवाइड एंड रूल चलने लगे
प्रेशर बाबू पर काम का बढ़ गया
कोऑपरेशन स्टाफ से घट गया
ज़िन्दगी बाबू की अब झंड हो गयी
दाल अथॉरिटी की कच्ची रह गयी
बी पी शुगर की शिकायत हो गयी
बीवी को घर चूरन माफिक आया
बढ़िया लीडर उनमें से बाहर आया
अथॉरिटी चेहरे पर रुआब ले लाई
बड़े बाबू की घोर शामत बन आई
बॉस की चाबुक पहले ही खाते थे
बीवी से भी अब रोज़ मुंह की खाते
बड़े बाबू पर अब मुर्दानगी रहती है
दो तरफ से ढोल पिटाई हो रहती है