बच्ची कहती है माँ से
गलबहियाँ लपेट कर
बाबा किसी से कह रहे थे
जब जाते थे खेत पर
अब पछताए का होत जब
चिड़ियाँ चुग गयी है खेत
छोटी चिड़िया का है माँ
क्या इत्ता बड़ा सा पेट
कि उस पर दोष लगा है
पूरा खा गयी है खेत
इंसां जो पूरी की पूरी
चिड़िया खा जाता है
कोई आखिर उस पर
क्यों नहीं दोष लगाता है
चिड़िया तो छोटी सी है
खा लेती है कुछ दाने
कुछ ले जाती बच्चों की
खातिर जो नहीं सयाने
क्या इतना भी हक़ नहीं
कि खा सकें वे भरपेट
इत्ती सी चिड़िया कैसे
खा सकती है पूरा खेत