चांदी का चूल्हा

इन्क्रीमेंट लग गयी है अब सब ठीक हो जायेगा
सैलरी बढ़ गयी है अब बिगड़ा नीक हो जायेगा
लग्ज़री जिन मजबूरों की ज़रुरत बन गयी है
उन गरीबों का चूल्हा अब चांदी का हो जायेगा
इन्क्रीमेंट लग गयी है अब सब ठीक हो जायेगा

बीवी को चमकता हुआ हीरे का हार दिलवाएंगे
रूठी होगी कई रोज़ से अब उसको मनाएंगे
बच्चा ज़िद करता होगा के विदेश घूमने जाएँ
सरकारी दामाद अब लंदन का वीसा लगवाएंगे
खर्चों की टेंशन में कुछ तो रिलीफ हो जायेगा
इन्क्रीमेंट लग गयी है अब सब ठीक हो जायेगा
लग्ज़री जिन मजबूरों की ज़रुरत बन गयी है
उन गरीबों का चूल्हा अब चांदी का हो जायेगा
इन्क्रीमेंट लग गयी है अब सब ठीक हो जायेगा

आज के समय में ज़नाब हर शख्स गरीब है
गरीबों से भी ज़्यादा तो खुशनसीब गरीब है
गाड़ी हमेशा छोटी और घर पुराना लगता है
हवस का जाल और भी उलझने लगता है
भूख ज्यों ज्यों बढ़ेगी पेट और बड़ा हो जायेगा
इन्क्रीमेंट लग गयी है अब सब ठीक हो जायेगा
लग्ज़री जिन मजबूरों की ज़रुरत बन गयी है
उन गरीबों का चूल्हा अब चांदी का हो जायेगा
इन्क्रीमेंट लग गयी है अब सब ठीक हो जायेगा

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