छी छी छी छी..

शहर में जाना मानो जी का जंजाल जी जी जी जी
शहर में रहना है मुहाल बस मज़बूरी है जी जी

ट्रैफिक का शोर सड़क पर हमेशा टी टी पी पी
आपाधापी हर ओर मची रहती सांय सांय सी सी

बेवज़ह नोक झोंक आपस में चीं पौं चीं चीं चीं चीं
कुत्तों की भोंक गलियों में भों भों प्याऊं भीं भीं

अंटियॉं की चुगली गुपचुप मिन मिन मीं मीं मीं मीं
बदनामों की गली की गूंज ताक दिन धीं धीं धीं धीं

कचरे के लगे ढेर पर गन्दगी बदबू छी छी छी छी
बिना बात की हंसी ठट्ठा कहकहे हा हा ही ही

शराबियों के बहकते बोलों का शोर हूँ हूँ हीं हीं
पुलिस की गाडी और एम्बुलेंस टेऊँ टेऊँ टी टी

गुज़रती है ज़िन्दगी शहर में घिसट घिसट घी घी
उखड जातीं हैं साँसे आखिर में सांय सांय सीँ सीँ

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