कैसे मारें तुम्हें वो मुझे पूछते हैं
ज़हर दें तुमको या घोंप दें खंजर
ख्वाहिश हो गर कहो वो पूछते हैं
मैंने हंसकर कहा नहीं कोई तमन्ना
बस एक चाह है मत करना मना
वो हैरां हुए आये आँखों में सवाल
कैसे समझाऊं अपने दिल का हाल
कैसे मरोगे वो मुझसे पूछते हैं
ज़हर दें तुमको या घोंप दें खंजर
कोई ख्वाहिश तो कहो वो पूछते हैं
कह दो उन्हें ज़हर चाहिए न खंजर
दाल दो हम पर प्यार की एक नज़र
मेरा दर्द समझो, मेरी ख़ामोशी सुनो
दम निकलने से पहले प्यार में रंग दो
कैसे मरोगे वो मुझसे पूछते हैं
ज़हर दें तुमको या घोंप दें खंजर
कोई ख्वाहिश तो कहो वो पूछते हैं