नई नहीं ये मुलाकात है
रस्मे आदाब न रखो
खुल के मिलो हमसे तुम
कोई हिज़ाब न रखो
है दिल में जो कोई बात
बेशक हमसे कह दो
तहज़ीब का दायरा रोकें
फिर भी चुप न रहो
पहले आप पहले आप
ये हिसाब न रखो
नई नहीं ये मुलाकात है
रस्मे आदाब न रखो
खुल के मिलो हमसे तुम
कोई हिज़ाब न रखो
मैंने देखा है तुमको
कुछ सोचने लगते हो
दिल में होता है कुछ
कुछ और कह देते हो
कोई तकल्लुफ हमसे
जनाब न रखो
नई नहीं ये मुलाकात है
रस्मे आदाब न रखो
खुल के मिलो हमसे तुम
कोई हिज़ाब न रखो