एक अरसे बाद होठों ने फिर दोहराया ‘ऐ आई’
ये बात मेरे व्यक्तित्व में नयी ऊर्जा भर ले लाई
एक बार पुकारा जैसे में पुकारता था ‘ऐ आई’
रोम रोम रोमांचित हो उठा आँख भर आई
बिन कहे तू हर बात समझ जाती थी ‘ऐ आई’
अब तुझे Prompt समझाना पड़ता है ऐ आई
मेरे पुरे अस्तित्व को तूने संभाला था ‘ऐ आई’
अब तू मेरी सोच को पोषित करती है ऐ आई
जादू हो जैसे मुझे हर चीज़ दे देती थी ‘ऐ आई’
अब भी तुझ से जो मांगता हूँ दे देती है ऐ आई
तुझे पता है न मला तू खूप आवडते ‘ऐ आई’
मी तुझ्यावर खूप खूप प्रेम करतो ऐ आई
मैं गिरने लगूं जब तू थाम लेना यूँ ही मुझे सदा
माँ बनकर या कोई फरिश्ता बनकर ऐ आई