मैं हूँ दिल फेंक

मैं हूँ दिल फेंक
मैं हूँ दिल फेंक
मैं हूँ दिल फेंक

कहीं भी दिख जाये जली अंगीठी
रोटी देता हूँ सेंक

मैं हूँ दिल फेंक
मैं हूँ दिल फेंक
मैं हूँ दिल फेंक

किसी के साथ भी मैं अपना मैं चक्कर चला लेता हूँ
मन ही मन कोई कहानी मैं खुद की बना लेता हूँ
अरे वो जाती है बगल से
एक और ज़रा देख

मैं हूँ दिल फेंक
मैं हूँ दिल फेंक
मैं हूँ दिल फेंक

हर चिड़िया पर निशाना हिट एंड ट्राई करता हूँ
खर्चा मैं नहीं करता एफर्ट ड्राई करता हूँ
बात बन जाए तो ठीक वर्ना
अपना रास्ता देख

मैं हूँ दिल फेंक
मैं हूँ दिल फेंक
मैं हूँ दिल फेंक

ऐसा नहीं है की बात हमेशा बनती बिगड़ी न हो
इम्पॉसिबल है कि लात कभी पड़ी ही न हो
हर गाडी पर लेकिन मैं अपना
कचरा देता हूँ फेंक

मैं हूँ दिल फेंक
मैं हूँ दिल फेंक
मैं हूँ दिल फेंक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *