अदरक का स्वाद

इंसां जिसने ने सब हज़म कर लिया
जिसकी भुख का कहर खत्म नहीं होता
कहता है कुत्ते को घी हजम नहीं होता

कुत्ता क्या सारी धरती पर कर लिया कब्ज़ा
यहाँ तक कि जंगल भी कर डाले हैं आबाद
कहता है बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद

बन्दर समंदर नदी नाले पहाड़ सब जीत लेगा
यहाँ तक की मंगल पर भी पानी खोज लेगा
मगर नहीं पता कि ऊंट किस करवट बैठेगा

ऊँट पर बैठता है ज़िक्र करता है जहाज़ का
खुदा के इस बंदे को नहीं पता इस बात का
कि धोबी का कुत्ता घर का है या घाट का

घाट घाट का पानी पीकर खुद घूमता है
बैर रखता है दग़ा देता है दोस्ती में रोज़ ही
मंज़ूर नहीं है मगर सांप छंछून्दर की दोस्ती

छंछूदर के सर में चमेली का तेल देखा है
जो रोज़ ही किसी न किसी को चूना लगाय
इलज़ाम देता है कि अंधी पीसे कुत्ता खाये

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *