धीरे धीरे

जीना है तो आज ही जी लो
बीत रहा है जो धीरे-धीरे
जो करना है आज ही कर लो
फिसल जाएगा ये धीरे धीरे

वक्त की चक्की बेआवाज़ है
पीसती है पर धीरे धीरे
कल हो न हो क्या खबर
कल आएगा धीरे धीरे

ऊंचा उड़ने की चाह रखते हो
तन्हा होने से डरते हो क्यों
बाज सी परवाज़ तुमने जो ली है
कौओं की फिर परबाह क्यों

कारवां से दूर आ ही गए हो
रहनुमा बनो धीरे-धीरे

जीना है तो आज ही जी लो
बीत रहा है जो धीरे-धीरे
जो करना है आज ही कर लो
फिसल जाएगा ये धीरे धीरे

वक्त की चक्की बेआवाज़ है
पीसती है पर धीरे धीरे
कल हो न हो क्या खबर
कल आएगा धीरे धीरे

चलते रहो बढ़ते रहो
मंज़िल यूँ ही पा जाओगे
न मिल सकी मंज़िल तो
रास्ते नए खोज लाओगे

हौसले का हाथ थाम कर
कदम बढ़ाओ धीरे धीरे

जीना है तो आज ही जी लो
बीत रहा है जो धीरे-धीरे
जो करना है आज ही कर लो
फिसल जाएगा ये धीरे धीरे

वक्त की चक्की बेआवाज़ है
पीसती है पर धीरे धीरे
कल हो न हो क्या खबर
कल आएगा धीरे धीरे

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